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राजस्थान में साइबर अपराध बढ़ते जा रहे हैं। बीते दो सालों में साइबर ठगों ने 70 मामलों में 12.45 करोड़ रुपए की ठगी की।
कैसे करते हैं ठगी?
साइबर ठग वीडियो कॉल के जरिए खुद को कस्टम, सीबीआई या पुलिस अधिकारी बताते हैं। वे पीड़ित को डराते हैं कि उसके या उसके परिवार के खिलाफ बलात्कार, मादक पदार्थ तस्करी या किसी अन्य गंभीर अपराध का मामला दर्ज हो गया है।
- वीडियो कॉल पर ही ठग पीड़ित से मामले को निपटाने के लिए पैसा मांगते हैं।
- वे पुलिस साइरन की आवाज सुनाकर ऐसा माहौल बनाते हैं जैसे वे थाने में बैठे हों।
- वीडियो कॉल काटने का मौका भी नहीं देते और पीड़ित को अपने जाल में फंसा लेते हैं।
आंकड़े
राजस्थान में 2 साल में 70 डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए।
- 2023 में: 28 मामले दर्ज हुए।
- 2024 (जनवरी से अक्टूबर): 42 मामले दर्ज हुए।
सबसे ज्यादा जयपुर में ठगी
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, सबसे ज्यादा ठगी के मामले जयपुर में हुए।
- जयपुर कमिश्नरेट के साइबर थाने में 2023 में 25 और 2024 में अक्टूबर तक 26 मामले दर्ज हुए।
- जोधपुर कमिश्नरेट में 2024 में 3 मामले सामने आए।
सावधानी की जरूरत
यह आंकड़े दिखाते हैं कि लोग साइबर अपराधियों के जाल में आसानी से फंस रहे हैं। पुलिस ने सतर्क रहने और किसी भी अनजान कॉल पर विश्वास न करने की सलाह दी है।