बहराइच जिले में डीएम मोनिका रानी के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की जांच में बड़े खुलासे हुए हैं। 71 अधिकारियों की जांच के बाद दो खंड विकास अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया, जबकि 40 ग्राम पंचायत सचिवों का दिसंबर 2024 का वेतन रोक दिया गया है। इससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है।
अधूरे शौचालय निर्माण का मामला
जिले में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए दी गई धनराशि की जांच के दौरान 262 शौचालय अधूरे पाए गए। इस पर 14 विकास खंडों के 40 ग्राम पंचायत सचिवों का वेतन रोक दिया गया। खंड विकास अधिकारी रिसिया सुरेश प्रसाद गौतम और खंड विकास अधिकारी फखरपुर अजय प्रताप को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जांच में सामने आए तथ्य
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) मुकेश चंद्र ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024 में आवंटित धनराशि का भौतिक सत्यापन कराया गया। जांच में अनियमितताएं पाई गईं। ब्लॉक चित्तौरा के ग्राम विकास अधिकारी विकास कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
सीडीओ ने दी चेतावनी
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है कि विकास कार्यों में लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आईजीआरएस शिकायतों का समय पर और गुणवत्ता के साथ निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। यदि भविष्य में कोई लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होगी।
निष्कर्ष:
जिले में विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। यह कार्रवाई विभागीय जवाबदेही को बढ़ाने और विकास कार्यों को जमीन पर उतारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।