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आजकल साइबर ठगी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। पैन कार्ड 2.0 और आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जी कॉल और लिंक के जरिए लोगों को फंसाया जा रहा है। ठग मोबाइल, व्हाट्सएप, ईमेल या मैसेज के जरिए लिंक भेजते हैं। जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करते हैं और जानकारी देते हैं, आपकी व्यक्तिगत और बैंक से जुड़ी जानकारी का गलत इस्तेमाल किया जाता है।
पैन कार्ड के नाम पर ठगी
साइबर अपराधी पैन कार्ड अपडेट या 2.0 वर्जन के नाम पर लिंक भेजकर आधार नंबर, बैंक की जानकारी और ओटीपी मांगते हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह पैन कार्ड अपडेट के लिए किसी भी लिंक या मैसेज नहीं भेजती।
आयुष्मान योजना के नाम पर कॉल
70% लोगों के लिए आयुष्मान योजना की घोषणा के बाद ठग फर्जी कॉल करने लगे हैं। वे बैंक, पुलिस या अन्य एजेंसियों का नाम लेकर फोन करते हैं। ध्यान रखें, कोई भी सरकारी एजेंसी इस तरह की कॉल नहीं करती।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
- अनजानी लिंक पर क्लिक न करें और तुरंत डिलीट कर दें।
- केवल आधिकारिक वेबसाइट या सरकारी पोर्टल पर ही जानकारी दें।
- यदि कोई संदिग्ध लिंक या कॉल मिले, तो साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर शिकायत करें।
- मोबाइल के फ्रंट कैमरे पर बिंदी या टेप लगाएं।
- रात में मोबाइल को अपने तकिए से दूर रखें।
- वाई-फाई का इस्तेमाल न हो तो उसे बंद कर दें।
- अनजाने नंबर से कॉल आने पर सावधानी बरतें।
व्यापारियों की राय
- व्यापारी बलदेव खेमानी का कहना है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखें क्योंकि वे अनजानी लिंक पर क्लिक कर देते हैं।
- व्यापारी नरेश चोटरानी कहते हैं कि बैंक की जानकारी किसी से भी साझा न करें।
- व्यापारी शैलेन्द्र गुप्ता के अनुसार, जागरूकता ही साइबर ठगी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है।
एक्सपर्ट की सलाह
साइबर अपराधी दूर बैठकर ठगी के नए-नए तरीके अपनाते हैं। इसलिए किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सावधानी रखें। ठगों के झांसे में आने से आपकी मेहनत की कमाई लुट सकती है।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।