गुवाहाटी:
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह दस्तावेज भारतीयों और घुसपैठियों को अलग करने में मदद करेगा। सरमा ने कहा कि असम सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए एनआरसी में नाम पंजीकृत होना अनिवार्य होगा। अगर किसी व्यक्ति का नाम एनआरसी में नहीं होगा तो उसे आधार कार्ड नहीं मिलेगा।
एनआरसी की जरूरत क्यों?
सरमा ने कहा कि एनआरसी जैसा दस्तावेज तैयार करना जरूरी है ताकि यह पहचान हो सके कि कौन भारतीय है और कौन घुसपैठिया। उन्होंने बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
सीमा पर बाड़ लगाने में दिक्कत
सीएम सरमा ने बताया कि असम और पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश की सीमा पर बाड़ लगाना मुश्किल है क्योंकि इन क्षेत्रों में कई नदियां हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल कर सीमा को सुरक्षित किया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल सरकार से असहयोग का आरोप
सरमा ने कहा कि भारत सरकार असम और त्रिपुरा में सीमा सुरक्षा के लिए तकनीकी उपाय कर रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार सहयोग नहीं कर रही है। यदि पश्चिम बंगाल सरकार सहयोग करे तो घुसपैठ को रोका जा सकता है।
सरमा के इस बयान ने एनआरसी और सीमा सुरक्षा पर नई बहस को जन्म दिया है।