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नए साल का जश्न मनाने के लिए लोग अब धार्मिक स्थलों की ओर रुख कर रहे हैं। आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा के साथ नए साल की शुरुआत करना लोगों की प्राथमिकता बनता जा रहा है। संस्कारधानी और आसपास के कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल नववर्ष के मौके पर श्रद्धालुओं की पसंदीदा जगह बन गए हैं।
नर्मदा तटों पर भक्तों की भीड़
गौरीघाट, जिलहरीघाट, लहेटाघाट और तिलवाराघाट जैसे नर्मदा तटों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। गढ़ा निवासी आशीष साहा हर साल नववर्ष की सुबह नर्मदा दर्शन और पूजन करते हैं। इस बार भी वे गौरीघाट जाने की योजना बना रहे हैं। लहेटा स्थित त्रिशूल भेद और शनिकुंड में भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंचेंगे।
भेड़ाघाट और तेवर की खास पसंद
भेड़ाघाट और तेवर हमेशा से नववर्ष के दिन लोगों की पहली पसंद रहे हैं। यहां की मार्बल चट्टानों और धुआंधार जलप्रपात की खूबसूरती को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। चौंसठ योगिनी और त्रिपुर सुंदरी माता के मंदिरों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करेंगे।
अन्य धार्मिक स्थल और ओशो अनुयायी
लहेटाघाट, कचनार सिटी, मझौली, गौरीघाट, और भंवरताल जैसे स्थानों पर भी भक्त बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। ओशो अनुयायी भंवरताल पार्क और शैलपर्ण उद्यान में गुरु की साधनास्थली को नमन कर नए साल का स्वागत करेंगे। पाट बाबा, सिद्ध बाबा और कचनार सिटी जैसे धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलेगी।
संस्कारधानी के इन धार्मिक स्थलों पर नववर्ष का स्वागत करने के लिए न केवल स्थानीय लोग बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटक भी शामिल होंगे। पूजा और पिकनिक का यह अनूठा संगम नए साल की शुरुआत को यादगार बना देगा।