Related Articles
UP Government Prayagraj Accident Investigation: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान हुए हादसे की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग के सदस्य अब लखनऊ में स्थित अपने कार्यालय में पहुंचे और जांच शुरू कर दी है।
यह आयोग हादसे के कारणों की जांच करेगा, यह पता लगाएगा कि घटना किस कारण हुई, लापरवाही कहां हुई, और कौन जिम्मेदार था। इसके अलावा, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, यह भी आयोग के ध्यान में रहेगा।
महाकुंभ हादसा क्या था?
महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए प्रयागराज पहुंचे थे। भीड़ की अराजकता और व्यवस्था की कमी के कारण बड़ी दुर्घटना हुई, जिसमें कई लोग मारे गए और कई घायल हुए। इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक आयोग का गठन किया था, ताकि पूरे मामले की गहनता से जांच की जा सके।
न्यायिक आयोग की भूमिका:
आयोग का मुख्य उद्देश्य हादसे के कारणों की जांच करना और जिम्मेदारों को सजा दिलवाना है। इसके अलावा आयोग यह भी देखेगा कि सुरक्षा इंतजाम कितने सख्त थे और प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी निभाई या नहीं। आयोग की जांच में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा:
- हादसे के कारणों की जांच
- प्रशासन की जवाबदेही
- सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा
- भविष्य के लिए सुधारात्मक सिफारिशें
आयोग की पहली बैठक:
आयोग की पहली बैठक लखनऊ स्थित 10 जनपथ में हुई, जहां हादसे के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। इसके बाद आयोग जल्द ही प्रयागराज का दौरा करेगा और वहां पर जांच करेगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
इस हादसे पर विपक्षी दलों ने सरकार को निशाने पर लिया है। उनका कहना है कि यह घटना सरकार की नाकामी को दिखाती है। हालांकि, सरकार का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आगे क्या होगा?
आयोग को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर यह तय होगा कि प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी या नहीं। यदि लापरवाही साबित हुई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।