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जयपुर: राजस्थान में 9 नए जिलों को खत्म करने के सरकार के फैसले का विरोध बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर जयपुर और जोधपुर ग्रामीण को छोड़कर बाकी 7 जिलों में इसका जबरदस्त विरोध हो रहा है। कई जगह “जिला बचाओ संघर्ष समितियों” का गठन किया गया है और लगातार धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं। यह मुद्दा अब विधानसभा में भी उठने वाला है।
इन जिलों में विरोध तेज
- शाहपुरा: ग्रामीण और संगठन आंदोलन कर रहे हैं। विधायक लालाराम बैरवा ने कहा कि वे विधानसभा में शाहपुरा को फिर से जिला बनाने की मांग उठाएंगे।
- अनूपगढ़: यहां 1,000 करोड़ के निवेश पर असर पड़ सकता है। विधायक शिमला नायक ने कहा कि वे सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष करेंगे।
- दूदू: पूर्व विधायक बाबूलाल नागर ने कहा कि भाजपा सरकार जनता को न्याय नहीं दे पाई।
- केकड़ी: बार एसोसिएशन धरना दे रहा है और हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर रहा है।
- सांचौर: जिला खत्म होने से लोगों को सरकारी कामों के लिए जालोर जाना पड़ रहा है, जिससे परेशानी बढ़ गई है।
- गंगापुर सिटी: पहले जिले के काम यहीं हो जाते थे, लेकिन अब सवाई माधोपुर जाना पड़ रहा है। विधायक रामकेश मीना इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे।
- नीमकाथाना: एक महीने से लगातार धरना जारी है। विधायक सुरेश मोदी, पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल और अधिवक्ता संघ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर रखी है।
अब देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या फैसला लेती है और विधानसभा में क्या बहस होती है।