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बीना। सिविल अस्पताल की लचर व्यवस्था की वजह से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। बुधवार को भी ऐसा ही मामला सामने आया, जब सड़क दुर्घटना में घायल पांच लोगों का इलाज डॉक्टर की गैरमौजूदगी में वार्ड बॉय ने किया। सही इलाज न मिलने पर परिजन घायलों को खुरई ले गए।
कैसे हुआ हादसा?
दुर्गा (23) और राज (22), जो खुरई जा रहे थे, ओवरब्रिज के पास बस का इंतजार कर रहे थे। वहां सूरज (27) भी मिला और तीनों बाइक से रवाना हो गए। कुछ ही दूरी पर छोटू (24) और अजीत (25) की बाइक से उनकी टक्कर हो गई। सभी घायलों को दोपहर 2 बजे सिविल अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था।
वार्ड बॉय ने किया इलाज
अस्पताल में डॉक्टर न होने के कारण वार्ड बॉय ने ही घायलों की मरहम-पट्टी की और उन्हें वापस भेज दिया, जबकि उन्हें अच्छे इलाज की जरूरत थी। सूरज ने बताया कि उसके पैर में पहले से रॉड लगी थी, अब फिर चोट लगने से परेशानी बढ़ गई। जब अस्पताल में इलाज नहीं मिला, तो परिजन उन्हें खुरई लेकर गए।
अस्पताल में नहीं थे टिटनेस इंजेक्शन
घायलों को टिटनेस इंजेक्शन की जरूरत थी, लेकिन अस्पताल में इंजेक्शन उपलब्ध नहीं थे। मजबूरी में परिजनों को बाहर से खरीदकर इंजेक्शन लगवाना पड़ा, जबकि यह सुविधा अस्पताल में मुफ्त मिलनी चाहिए थी।
डॉक्टर 35 मिनट देरी से पहुंची
अस्पताल स्टाफ के अनुसार, डॉक्टर पल्लवी जैन की ड्यूटी दोपहर 2 बजे से थी, लेकिन वह 2:35 बजे पहुंचीं। इस दौरान घायलों को बिना इलाज तड़पना पड़ा। इसके बावजूद अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।