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राजस्थान को 4102.60 एमसीएम पानी मिलेगा
इसमें से:
- 1744 एमसीएम पेयजल के लिए
- 205.75 एमसीएम उद्योगों के लिए
- 1159.38 एमसीएम नए सिंचित क्षेत्र के लिए
- 615.43 एमसीएम पुराने बांधों में जल भरने के लिए
- 108 एमसीएम भू-जल पुनर्भरण के लिए
- 270 एमसीएम खराब मानसून में पेयजल और अन्य विकास कार्यों के लिए
इसमें 522.80 एमसीएम पुनः चक्रित (रीसाइकल) पानी भी शामिल होगा।
जल्दी शुरू होगा काम
जल शक्ति मंत्रालय में राजस्थान और मध्यप्रदेश के अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें दोनों राज्यों को 15 दिनों में डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने के निर्देश दिए गए।
बैराज, बांध और कृत्रिम जलाशय बनाए जाएंगे
- बैराज: रामगढ़ (कूल नदी), महलपुर (पार्बती नदी), नवनेरा (कालीसिंध नदी), मेज (मेज नदी), नीमोद राठौड़ (बनास नदी)
- कृत्रिम जलाशय: अजमेर और अलवर में
- बांध: ईसरदा और डूंगरी
- बीसलपुर बांध: इसकी क्षमता 0.50 मीटर बढ़ाई जाएगी
किन जिलों को मिलेगा पानी?
- राजस्थान के 17 जिले: जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, टोंक
- मध्यप्रदेश के 13 जिले: गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर, राजगढ़