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सिवनी: जिले में किसानों को उनकी फसल का भुगतान नहीं मिल रहा है, जिससे वे परेशान हैं। करीब दो महीने पहले किसानों ने कृषि उपज मंडी में मक्का बेची थी, लेकिन व्यापारी बिना पैसे दिए गायब हो गया। किसान भुगतान के लिए मंडी सचिव और व्यापारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें हर बार “दो दिन में भुगतान होगा” कहकर टाल दिया जाता है।
मंडी सचिव नहीं दे रहे सही जवाब
किसानों का कहना है कि जब भी वे मंडी सचिव प्रकाश मार्को से संपर्क करते हैं, तो वह हर बार दो दिन का समय मांगते हैं। अब उन्होंने फोन उठाना भी बंद कर दिया है और अगर गलती से फोन उठा भी लिया, तो कहते हैं, “तुम लोग किसी भी समय फोन कर देते हो। दो दिन में भुगतान हो जाएगा।”
नियमों के खिलाफ हुई कार्रवाई
मंडी अधिनियम के अनुसार, किसान को भुगतान किए बिना व्यापारी अनाज नहीं ले जा सकता। यदि व्यापारी भुगतान नहीं करता है, तो मंडी समिति को उसकी फसल जब्त करनी चाहिए या कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन सवाल यह उठता है कि बिना भुगतान के व्यापारी को अनाज बाहर ले जाने कैसे दिया गया?
कई किसानों का भुगतान बाकी
गोपालगंज के किसान संजय कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि उन्होंने 59 क्विंटल मक्का बेची थी, जिसका ₹1,33,000 भुगतान बाकी है। उनके अलावा आमगांव, कटंगी, बलारपुर सहित कई गांवों के किसानों का पैसा अटका हुआ है। जब वे व्यापारी के कार्यालय जाते हैं, तो वहां ताला लगा मिलता है।
कर्ज में डूबे किसान, परिवार चलाना मुश्किल
किसानों ने बताया कि उन्होंने ट्रैक्टर लोन, किसान क्रेडिट कार्ड और बीज के लिए उधारी ली थी। अगर उन्हें भुगतान मिल जाता, तो वे अगली फसल के लिए तैयारी कर पाते और परिवार का खर्च चला पाते।
अधिकारियों का बयान
कलेक्टर संस्कृति जैन ने कहा, “किसानों के भुगतान के लिए निर्देश दिए गए थे। यदि अब तक भुगतान नहीं हुआ है, तो मैं इसकी जांच कराऊंगी और किसानों की समस्या दूर की जाएगी।”
मंडी सचिव प्रकाश मार्को ने कहा, “भुगतान दो दिन में हो जाएगा। मैं अभी बाहर हूं, बाद में बात करता हूं।”
किसानों को कब मिलेगा उनका हक?
किसान लगातार मंडी सचिव और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें उनकी मेहनत का पैसा नहीं मिला है। देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।