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क्या है ल्यूकीमिया?
ल्यूकीमिया बच्चों में होने वाला ब्लड कैंसर है। इसका सबसे बड़ा कारण जेनेटिक बदलाव है। इसके अलावा टॉक्सिक पदार्थ (जहरीले पदार्थ) और एपस्टीन-बार वायरस (EBV) भी डीएनए में बदलाव करके ल्यूकीमिया का कारण बनते हैं। इस बीमारी में खून की कोशिकाओं की संख्या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे खून से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं।
कैसे पता चलता है?
- जांच: इस बीमारी का पता सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट) और पीबीएफ टेस्ट से चलता है। कभी-कभी एडवांस जेनेटिक मार्कर टेस्ट और बोन मैरो टेस्ट भी किया जाता है।
- लक्षण: शुरुआत में ल्यूकीमिया के लक्षण नहीं दिखते, लेकिन बाद में:
- हड्डियों में दर्द और बढ़ना
- बार-बार बुखार और संक्रमण
- लिवर या तिल्ली का बढ़ना
- शरीर में खून की कमी
सही देखभाल कैसे करें?
- साफ-सफाई का ध्यान रखें ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
- अगर बच्चे में रक्तस्राव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- कई बार प्लेटलेट्स और खून चढ़ाने की जरूरत होती है।
डाइट और खानपान का रखें ध्यान
- बच्चों को संतुलित आहार दें।
- मौसमी फल, हरी सब्जियां और साबुत अनाज को आहार में शामिल करें।
इलाज संभव है!
- ल्यूकीमिया का इलाज दवाइयों से किया जा सकता है।
- कुछ मामलों में यह पूरी तरह ठीक नहीं होता, लेकिन समय पर जांच और इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।
– डॉ. वी.के. गर्ग, शिशु रोग विशेषज्ञ