मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के इटवाखॉस पंचायत में आदिवासी समुदाय के लोगों ने हल्का पटवारी पर वनाधिकार पट्टा बनाने के लिए रिश्वत मांगने और वॉट्सऐप ग्रुप में उनके खिलाफ जातिसूचक गालियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
आदिवासियों का विरोध प्रदर्शन
सोमवार को आदिवासी समुदाय ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि दशकों से वे इस भूमि पर बसते हैं, लेकिन उन्हें अभी तक उनके कानूनी अधिकार नहीं मिले। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और आरोप लगाया कि हल्का पटवारी रघुनाथ बागरी ने उनसे रिश्वत मांगी और जातिसूचक गालियां दीं।
आदिवासियों की शिकायतें और मांगें
आदिवासी समुदाय ने नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार से इस मुद्दे पर चर्चा की, और पटवारी ने कथित रूप से वॉट्सऐप ग्रुप में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। आदिवासियों ने बातचीत के प्रमाण प्रशासन को सौंपे हैं।
डीएसपी राजेंद्र मोहन दुबे ने बताया कि प्रशासन को आदिवासियों की शिकायत मिल चुकी है और इस पर जांच की जा रही है।
जयस संगठन की मांगें
जय आदिवासी युवा शक्ति (JAYS) संगठन ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। संगठन ने निम्नलिखित कार्रवाई की मांग की:
- पटवारी रघुनाथ बागरी को निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ SC-ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए।
- इटवाखॉस पंचायत के सभी पात्र आदिवासियों को शीघ्र वनाधिकार पट्टा दिया जाए।
- भ्रष्टाचार में संलिप्त अन्य अधिकारियों की भी जांच की जाए।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने लिखा, “क्या भाजपा सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है? आदिवासियों की जमीन सुरक्षित करने के बजाय उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।” उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “आदिवासियों की जमीन बचाने के बजाय, लूटने वालों को बचाया जा रहा है!”