राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज (RUHS) के वाइस चांसलर, डॉ सुधीर भंडारी ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने सुबह राज्यपाल से मिलने का समय मांगा और फिर उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
यह फैसला ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी जारी करने के मामले के बाद आया है। सरकार ने पहले ही सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ राजीव बगरहट्टा को उनके पद से हटा चुकी है।
सरकार ने भंडारी को भी पद से हटाने की तैयारी की है। इस मामले पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने राज्यपाल के साथ मुलाकात की है और अब भंडारी के कार्यकाल की जांच भी हो सकती है।
भंडारी को सूटों के पद से भी हटा गया है। सरकार ने भंडारी से आरयूएचएस के वीसी पद से इस्तीफा देने का आदेश दिया है, लेकिन इस्तीफा न मिलने पर अब राज्य सरकार राज्यपाल से उन्हें हटाने की मांग कर सकती है।
पिछले दिनों मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि राज्य सरकार डॉ सुधीर भंडारी के पिछले कार्यकाल की जांच करवा सकती है। भंडारी कोरोना काल में सवाई मानसिंह कॉलेज के प्रिंसिपल थे, और उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने आरयूएचएस के वाइस चांसलर के पद पर नियुक्त किया था। इससे पहले वे एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट में सीनियर प्रोफेसर और यूनिट हेड रह चुके हैं।
मामले का संक्षेप
अप्रैल में एसीबी ने रिश्वत लेकर ऑर्गन ट्रांसप्लांट की एनओसी देने के मामले में एसएमएस हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल फोर्टिस और ईएचसीसी के अधिकारी को पकड़ा था। इसके बाद एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को सस्पेंड कर दिया था। मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने ईएचसीसी, फोर्टिस एस्कोर्ट और मणिपाल हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने के लाइसेंस को रद्द कर दिया।