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वाराणसी, उत्तर प्रदेश: काशी में काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा एक अनोखा मंदिर भी है, जहां हर साल शिवलिंग का आकार बढ़ता रहता है। इस मंदिर का नाम तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर है। मान्यता है कि यहां शिवलिंग हर साल तिल के बराबर बढ़ता है। फिलहाल, शिवलिंग की ऊंचाई करीब 3 फीट है।
प्राचीन मंदिर की मान्यता
- यह मंदिर 18वीं शताब्दी में बना था और काशी विश्वनाथ मंदिर से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- हर साल महाशिवरात्रि, सोमवार और प्रदोष व्रत पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।
- यहां कालसर्प दोष की शांति के लिए भी विशेष पूजा होती है।
कैसे पड़ा ‘तिलभांडेश्वर’ नाम?
- ऋषि विभांड ने इस स्थान पर कठोर तपस्या की थी।
- उनकी पूजा से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि यह शिवलिंग हर साल तिल के बराबर बढ़ता रहेगा।
- इसी कारण इस मंदिर को ‘तिलभांडेश्वर महादेव’ कहा जाता है।
दर्शन मात्र से मिलता है पुण्य
- मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन करने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है।
- मंदिर में भोलेनाथ के साथ कई देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
यह मंदिर आस्था और चमत्कार का प्रतीक है, जहां श्रद्धालु हर साल शिवलिंग के बढ़ने के साक्षी बनते हैं।