Related Articles
छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने 30 निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया है क्योंकि उन्होंने आरटीई (शिक्षा का अधिकार) पोर्टल में पंजीयन नहीं कराया। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों से एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरटीई पंजीयन की अनिवार्यता
- आरटीई (शिक्षा का अधिकार) योजना के तहत कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
- इसके लिए स्कूलों को आरटीई पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य था।
- 1 फरवरी से 28 फरवरी तक पंजीयन का समय दिया गया था।
अब तक कितने स्कूलों ने पंजीयन कराया?
- 294 स्कूलों ने समय पर पंजीयन करा लिया।
- 30 स्कूलों ने पंजीयन में रुचि नहीं दिखाई, जिसके चलते उन्हें नोटिस भेजा गया।
- पंजीयन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
जिले के किन स्कूलों को मिला नोटिस?
जिला मुख्यालय में 12 स्कूलों ने पंजीयन नहीं कराया, जिनमें शामिल हैं:
- आर्यन वर्ल्ड स्कूल
- साधुराम विद्या मंदिर
- विद्या विकास कान्सेप्ट स्कूल
- प्रज्ञा विद्यालय
- महर्षि विद्या मंदिर
- आईडियल पब्लिक स्कूल पतरापाली
- शेखर इंग्लिश मीडियम स्कूल धनागर
- गुरुनानक स्कूल
- सर्वेश्वरी एमएस जूटमिल
- प्रेरियर
- ज्ञान दीप पब्लिक स्कूल
- ड्रीम इंडिया स्कूल
अन्य क्षेत्रों के स्कूलों को भी मिला नोटिस
इन ब्लॉकों के कई स्कूलों को भी नोटिस जारी हुआ:
- धरमजयगढ़ – अमनदीप कुड़ेकेला, एसएसएम छाल, ज्ञानोदय कीरिया, सेंट जॉन्स देमुपारा, सरस्वती शिशु मंदिर बोकरामुड़ा
- घरघोड़ा – दयानंद पब्लिक स्कूल नावापारा टेंडा
- खरसिया – नूतन ज्ञान गंगा रतनमहका, मदर इंडिया कॉन्वेंट स्कूल बड़े देवगांव, मोनेट डीएवी
- भूपदेवपुर – एनएसवी इंग्लिश मीडियम
- लैलूंगा – सरस्वती शिशु मंदिर
- पुसौर – सद्भावना पब्लिक स्कूल बड़े भंडार, आर्य विद्यालय तुरूंगा
- तमनार – एसएसएम कोड़केल व चितवाही, अभिनव विद्या मंदिर चितवाही, समलेश्वरी विद्या मंदिर तराईमाल
आरटीई पोर्टल अस्थायी रूप से बंद
- 1 मार्च से आरटीई पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन शुरू होना था, लेकिन जानकारी अपडेट करने के लिए पोर्टल अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
- सुधार कार्य पूरा होते ही पोर्टल फिर से चालू कर दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग की चेतावनी
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) वी. के. वैंकट राव ने बताया कि 28 फरवरी तक स्कूलों को पंजीयन कराना था, लेकिन 30 स्कूलों ने ऐसा नहीं किया।
अब इन स्कूलों को नोटिस भेजकर एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है, अन्यथा उन पर सख्त कार्रवाई होगी।