Related Articles
राजस्थान में गेहूं खरीद की शुरुआत
राजस्थान में आज, 10 मार्च से सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीद शुरू कर रही है। इस बार 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। खरीद 318 केंद्रों पर होगी, और किसानों को उनकी फसल का भुगतान 48 घंटे के अंदर बैंक खाते में कर दिया जाएगा।
किसानों की रुचि कम क्यों?
किसानों की सरकारी खरीद में रुचि कम होने की वजह मंडियों में ज्यादा दाम मिलना है। इस समय मंडियों में गेहूं का भाव 2850 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है, जबकि सरकार MSP पर इसे 2575 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदेगी। हालांकि, सरकार 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी दे रही है, जिससे कुल कीमत 2425 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगी।
किसानों की मांग और परेशानी
किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि सरकार को पहले सरसों की खरीद करनी चाहिए थी, क्योंकि सरसों पहले बाजार में आती है। इसके अलावा, सरकारी खरीद के लिए फसल की गुणवत्ता पर सख्त शर्तें भी किसानों के लिए परेशानी का कारण बन रही हैं।
इस साल गेहूं उत्पादन बढ़ा
इस साल गेहूं का उत्पादन बढ़कर 121.68 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल 120.17 लाख टन था।
राजस्थान में कहां-कहां हैं खरीद केंद्र?
- अजमेर – 16
- भरतपुर – 26
- जयपुर – 26
- कोटा – 87
- उदयपुर – 27
- बीकानेर – 129
- जोधपुर – 7
कैसे करें पंजीकरण?
किसान अपनी फसल बेचने के लिए 25 जून तक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए इस वेबसाइट पर 24 घंटे पंजीकरण की सुविधा है।
फसल की गुणवत्ता को लेकर शर्तें
- गेहूं में खेसारी और आर्जीमोन के दाने नहीं होने चाहिए।
- विदेशी पदार्थ 0.75% से ज्यादा न हो।
- अन्य अनाज 2% और क्षतिग्रस्त दाने 2% से ज्यादा न हों।
- सूखे व टूटे दाने 6% से ज्यादा न हों।
- विषैले खरपतवार 0.4% से अधिक न हो, जिसमें धतूरा 0.025% और अकरा 0.2% से ज्यादा न हो।
निष्कर्ष
सरकार ने गेहूं खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन किसानों की रुचि कम है क्योंकि उन्हें मंडियों में ज्यादा दाम मिल रहे हैं। सरकार को किसानों की मांग और उनकी समस्याओं पर ध्यान देना होगा।