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रायपुर: आयकर विभाग ने रायपुर और राजनांदगांव के अस्पतालों में टैक्स चोरी का खुलासा किया है। जांच में 45 करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ी गई, जिसे अस्पताल संचालकों ने बुधवार को सरेंडर कर दिया और टैक्स चोरी की बात स्वीकार की।
कैसे हुई जांच?
- 10 मार्च को आयकर विभाग की 35 सदस्यीय टीम ने दोनों अस्पतालों में सर्वे किया।
- आय-व्यय के गड़बड़ी भरे दस्तावेज, लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल और पुराने रिकॉर्ड की जांच की गई।
- पहले 10 करोड़ रुपये सरेंडर करने की पेशकश की गई, लेकिन करोड़ों की अघोषित संपत्ति के दस्तावेज मिलने पर जांच जारी रही।
- कोरोना संक्रमण के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई थी, जिसमें इतनी बड़ी टैक्स चोरी उजागर हुई।
5 साल के रिकॉर्ड खंगाले गए
- आयकर विभाग ने पिछले 3 से 5 साल के आईटी रिटर्न (ITR) की जांच की।
- हॉस्पिटल के बिलिंग, कार्पोरेट, स्टोर्स और एचआर डिपार्टमेंट के दस्तावेजों की बारीकी से पड़ताल की गई।
- कच्चे बिल मिलने के बाद अस्पताल संचालकों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए गए।
आगे क्या होगा?
यह कार्रवाई मुख्य आयकर आयुक्त अपर्णा करण के निर्देश पर की गई। अब विभाग आगे की जांच कर सकता है और अन्य अस्पतालों की भी आय-व्यय की जांच हो सकती है।