सरकार ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी (No Objection Certificate) देने के लिए नई स्टेट लेवल कमेटी बनाई है। इस कमेटी का अध्यक्ष सवाई मानसिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को बनाया गया है। कमेटी में एसएमएस के पूर्व अधीक्षक, आईएमए राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष और अन्य लोग शामिल हैं। इस कमेटी के बनने से राज्य में रुके हुए ऑर्गन ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन फिर से शुरू हो सकेंगे।
सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, स्टेट लेवल ऑथोराइजेशन कमेटी का चेयरमैन एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को बनाया गया है। कमेटी में सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के पूर्व अधीक्षक डॉ. नरपत सिंह शेखावत, एसएमएस हॉस्पिटल के जनरल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. बी.एल. यादव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अशोक शारदा, सेवा भारती राजस्थान की सीमा दया और चिकित्सा शिक्षा सचिव एवं निदेशक जन स्वास्थ्य के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह कमेटी मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधीन काम करेगी।
पुरानी कमेटी को भंग कर दिया गया है। इस कमेटी ने 2022 से एक भी बैठक नहीं की थी, जिसका फायदा उठाते हुए एसएमएस हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह ने फर्जी एनओसी जारी कर दी थी। इन एनओसी के आधार पर पिछले एक साल में जयपुर समेत पूरे प्रदेश में 945 ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए।
एसीबी की छापेमारी के बाद एसएमएस हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को पकड़ा गया। इस मामले की जांच के बाद आरयूएचएस के वाइस चांसलर डॉ. सुधीर भंडारी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा और एसएमएस हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को इस्तीफा देना पड़ा। एसएमएस हॉस्पिटल के एडिशनल सुपरिटेंडेंट डॉ. राजेन्द्र बागड़ी को सस्पेंड किया गया।