राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के नए फरमान से पूरे राज्य में हलचल मच गई है। उन्होंने घोषणा की है कि इस बार शीतकालीन अवकाश पहले से तय तिथियों पर देने की बजाय केवल तेज सर्दी पड़ने पर ही घोषित किया जाएगा।
शीतकालीन अवकाश में बदलाव का निर्णय:
राजस्थान सरकार ने दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में दिए जाने वाले शीतकालीन अवकाश में बदलाव करने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के अनुसार, जब प्रदेश में कड़ाके की सर्दी होगी, तभी स्कूलों को बंद किया जाएगा। इस निर्णय का मकसद छात्रों की पढ़ाई के नुकसान को रोकना है।
पर्यटन पर असर:
दिसंबर का महीना राजस्थान में पर्यटन के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है, और शीतकालीन अवकाश के दौरान लाखों पर्यटक राज्य में आते हैं। लेकिन अवकाश की तिथियां तय नहीं होने पर पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हो सकता है। इससे पहले, शिक्षा विभाग के शिविरा पंचांग में सत्र 2024-25 के लिए शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर से 6 जनवरी तक निर्धारित था।
पढ़ाई का नुकसान:
मदन दिलावर ने कहा कि शीतकालीन अवकाश के बाद भी सर्दी के कारण स्कूलों में छुट्टियां करनी पड़ती हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई का नुकसान होता है। इसलिए, शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि जब प्रदेश में तेज सर्दी पड़ेगी, तभी स्कूलों को बंद किया जाएगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े।
सर्दी के मौसम का अनिश्चित समय:
राजस्थान में सर्दी का मौसम नवंबर से फरवरी तक रहता है, जिसमें सर्दी कभी तेज होती है तो कभी कम। ऐसे में यह पहले से तय करना मुश्किल हो जाता है कि शीतकालीन अवकाश कब दिया जाए। आमतौर पर मकर संक्रांति के बाद सर्दी का प्रकोप कम हो जाता है, इसलिए पहले दिसंबर के अंतिम सप्ताह में यह अवकाश रखा जाता था।
पर्यटन पर संभावित प्रभाव:
राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, और पुष्कर जैसे शहर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। सर्दियों के अवकाश में इन शहरों की यात्रा की योजना बनाई जाती है। लेकिन छुट्टियों की तारीखें तय न होने के कारण पर्यटक पहले से अपनी यात्रा की बुकिंग नहीं कर पाएंगे, जिससे पर्यटन उद्योग पर असर पड़ सकता है।