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भारत-पाक सीमा से सटे पोकरण, जो एक परमाणु नगरी और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र है, में अपराध और संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं। पुलिस की “तीसरी आंख” यानी ये कैमरे, जो पहले अपराध पर नजर रखते थे, अब काम नहीं कर रहे हैं।
कस्बे में लगे 29 में से 28 कैमरे खराब हो चुके हैं, जिससे पुलिस के लिए संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना मुश्किल हो गया है। पोकरण, जो जैसलमेर का प्रवेश द्वार है, यहां से हर दिन सैकड़ों लोग गुजरते हैं, जिससे सुरक्षा की दृष्टि से कैमरों का काम करना बेहद जरूरी है।
कैमरे कब और कैसे लगे थे?
वर्ष 2017 में विधायक कोष से मिले 5 लाख रुपये से 11 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, और फिर दो साल पहले सांसद कोष से 18 और कैमरे जोड़े गए। इन कैमरों को कस्बे के मुख्य मार्गों और सार्वजनिक स्थलों पर लगाया गया था, जिनका कंट्रोल पुलिस थाने में था।
कैमरे क्यों बंद हैं?
पिछले साल जुलाई 2022 में तेज बारिश और आंधी के कारण पुलिस थाने का बड़ा टॉवर गिर गया, जिस पर कैमरों के एंटीना लगे हुए थे। इसके बाद से 28 कैमरे बंद पड़े हैं, और केवल पुलिस थाने के बाहर का एक कैमरा ही चालू है।
अभय कमांड योजना से नई उम्मीद
अब पुलिस ने “अभय कमांड योजना” के तहत नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव भेजा है। इस योजना के तहत कस्बे में 50 नए कैमरे लगाए जाएंगे, और इसके लिए केबल बिछाने का काम भी शुरू हो चुका है। जल्द ही इन कैमरों के लगने के बाद निगरानी करना आसान हो जाएगा।
मुख्य तथ्य:
- पोकरण की आबादी 25 हजार से अधिक है।
- कस्बे में 29 सीसीटीवी कैमरे लगे थे।
- इनमें से 28 कैमरे बंद हैं।
पुलिस के अनुसार, पुराने कैमरे अभी गारंटी पीरियड में हैं, और कंपनी को कई बार उन्हें ठीक करने के लिए लिखा गया है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। नए कैमरे जल्द लगाए जाएंगे।
- बाबूराम, उपनिरीक्षक, पुलिस थाना, पोकरण