सारांश
कानपुर के सिविल लाइंस इलाके में नजूल की जमीन पर कब्जा करने के आरोप में आरोपी और एक लाख के इनामी हरेंद्र मसीह की गिरफ्तारी पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, एनकाउंटर के डर से हरेंद्र ने खुद ही पुलिस के पास सरेंडर किया।
विस्तार से
कानपुर के सिविल लाइंस इलाके में करोड़ों की नजूल की जमीन पर कब्जा करने के मामले में आरोपी हरेंद्र मसीह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक हरेंद्र ने एनकाउंटर के डर से खुद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। पुलिस इसे अपनी सफलता के रूप में बता रही है, लेकिन हकीकत इससे अलग नजर आ रही है। पुलिस ने हरेंद्र के पास से बिना नंबर प्लेट की चोरी की बाइक, 20,000 रुपये नकद और चार आधार कार्ड बरामद किए हैं।
हरेंद्र के खिलाफ 28 जुलाई को एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें वह मुख्य आरोपी के रूप में नामित था। अब तक इस मामले में 11 लोग जेल जा चुके हैं। तीन दिन पहले ही क्रिश्चियन अस्पताल की एक महिला कर्मी ने हरेंद्र, उसकी पत्नी संगीता और अन्य पर 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी।
झांसी में भी हैं मुकदमे
झांसी पुलिस ने रविवार रात को हरेंद्र को रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ा, लेकिन उसे मीडिया के सामने नहीं लाया गया। बताया जा रहा है कि बेशकीमती जमीन हड़पने का मामला भी हरेंद्र के खिलाफ झांसी में दर्ज है। बी-वारंट पर उसे कानपुर लाने की तैयारी चल रही है ताकि जमीन कब्जाने के मामले में पूछताछ की जा सके।
पुलिस का अगला कदम
एडिशनल पुलिस कमिश्नर विपिन मिश्रा के मुताबिक, बी-वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई है और उस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। वहीं, कानपुर पुलिस ने धारा 83 के तहत कुर्की की कार्रवाई भी कर दी है, जबकि झांसी पुलिस सिर्फ धारा 82 के तहत कार्रवाई कर पाई है।