जोधपुर शहर में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण कलक्ट्रेट रोड पर है। यहां दिवाली के बाद से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगभग 200 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंचा हुआ है। दिवाली के समय यह 300 से भी ऊपर चला गया था। AQI के लगातार 200 से ऊपर रहने की वजह से प्रशासन और नगर निगम यहां हर सुबह और शाम स्मॉग गन से पानी का छिड़काव कर रहा है ताकि वायु में मौजूद प्रदूषक तत्वों को कम किया जा सके।
मण्डोर और उसके आसपास के क्षेत्रों में हवा सबसे साफ है। वहां AQI 100 के आसपास या उससे कम ही रहता है। मण्डोर क्षेत्र में कम ट्रैफिक होने की वजह से भी वहां की हवा शुद्ध बनी रहती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जोधपुर में पांच स्थानों – कलक्ट्रेट, मण्डोर, झालामण्ड, डिगाड़ी कलां और चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए हैं, जो प्रदूषक तत्वों का मापन करते हैं।
इन मॉनिटरिंग सिस्टम्स के जरिए धूल, कार्बन के महीन कण, सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, अमोनिया, सतही ओजोन, बैंजीन, टालुइन, जाइलीन, तापमान और आद्र्रता जैसे तत्वों का मापन किया जाता है। इनमें सबसे अधिक प्रदूषण पार्टिकुलेट मैटर का होता है।
जोधपुर में मानसून के जाने और तापमान कम होने से वायुदाब बढ़ जाता है और हवा की गति धीमी पड़ जाती है। इसी कारण से वाहनों, उद्योगों और वाणिज्यिक गतिविधियों से निकलने वाले प्रदूषक तत्व हवा में तैरते रहते हैं और एक ही जगह पर जमा हो जाते हैं, जिससे क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है।