मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। दोनों राज्यों के बीच पार्वती, कालीसिंध और चंबल (पीकेसी) परियोजना के तहत समझौता हुआ है। इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश में 22 नए बांध बनाए जाएंगे, जो किसानों और उद्योगों के लिए वरदान साबित होंगे।
परियोजना की विशेषताएं
- परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा।
- पहले चरण में 13 और दूसरे चरण में 9 बांध बनेंगे।
- 90% खर्च केंद्र सरकार करेगी, जबकि 10% राशि राज्यों द्वारा वहन की जाएगी।
- परियोजना की कुल लागत लगभग 75,000 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 35,000 करोड़ रुपये मध्यप्रदेश में निर्माण कार्यों पर खर्च होंगे।
- यह परियोजना 5 वर्षों में पूरी होगी।
किन जिलों को होगा फायदा?
- मध्यप्रदेश: चंबल और मालवा क्षेत्र के 13 जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। इनमें मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड, श्योपुर, इंदौर, उज्जैन, धार, आगर मालवा, शाजापुर, देवास, और राजगढ़ शामिल हैं।
- राजस्थान: किसानों को सिंचाई और जल आपूर्ति में मदद मिलेगी।
क्या बदलाव आएंगे?
- चंबल और मालवा क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता में वृद्धि होगी।
- मुरैना, ग्वालियर, भिंड और श्योपुर में सिंचाई सुविधाएं बेहतर होंगी।
- इंदौर, उज्जैन और अन्य जिलों में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
महत्वपूर्ण परियोजनाएं
समझौते के तहत कुंभराज कॉम्प्लेक्स, सीएमआरएस कॉम्प्लेक्स, लखुंदर बैराज, रणजीत सागर परियोजना और ऊपरी चंबल कछार में सात सिंचाई परियोजनाएं बनाई जाएंगी।
यह परियोजना न केवल कृषि क्षेत्र बल्कि उद्योगों और जल आपूर्ति को भी मजबूती प्रदान करेगी, जिससे दोनों राज्यों के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।