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रोजी-रोटी की जद्दोजहद: विकास के नाम पर हटाए गए, लेकिन बसाया नहीं

भोपाल: शहर में छोटे विक्रेताओं की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। विकास के नाम पर जगह-जगह से उन्हें हटाया जा रहा है, लेकिन नई जगह नहीं दी जा रही। कोलार रोड स्वर्ण जयंती पार्क के पास से डेढ़ साल पहले हटाए गए गुमठी संचालक अब भी अपनी नई जगह का इंतजार कर रहे हैं।

बार-बार विस्थापन, फिर भी समाधान नहीं

  • कोलार रोड चूनाभट्टी:
    22 गुमठियां पहले बोर्ड ऑफिस से विस्थापित कर चूनाभट्टी के पास लगाई गई थीं। डेढ़ साल पहले कोलार सिक्सलेन के निर्माण के चलते इन्हें वहां से हटा दिया गया। अब ये गुमठियां थाने के सामने बेकार पड़ी हैं।
  • न्यू मार्केट:
    पहले यहां 40 से ज्यादा स्टॉल थे। स्मार्ट सिटी और सड़क निर्माण के चलते इनमें से ज्यादातर स्टॉल हटा दिए गए। कुछ विक्रेताओं को जवाहर चौक भेजा गया, जबकि कई ने मजबूरी में अपने व्यवसाय बंद कर दिए। अब सिर्फ 10-12 स्टॉल ही चालू हैं।
  • एमपी नगर जोन 1:
    2019 में मेट्रो प्रोजेक्ट के कारण यहां का पुराना हॉकर्स कार्नर हटा दिया गया। विक्रेताओं को बोर्ड ऑफिस के पास शिफ्ट किया गया, लेकिन वहां से भी उन्हें एक साल बाद हटा दिया गया।

विक्रेताओं की हालत

  1. बंशी अहिरवार:
    • पहले बोर्ड ऑफिस पर गुमठी लगाते थे।
    • बार-बार विस्थापन के कारण अब फेरी लगाकर मोची का काम कर रहे हैं।
  2. भगवानलाल पुरोहित:
    • स्वर्ण जयंती पार्क के पास चाय की गुमठी लगाते थे।
    • अब मजदूरी करने पर मजबूर हैं क्योंकि नई जगह नहीं दी गई।
  3. महेशनंद मेहर, अध्यक्ष, अजा-अजजा गुमठी व्यवसाय समिति:
    • डेढ़ साल से नई जगह देने की मांग कर रहे हैं।
    • प्रशासन उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा।

समाधान की मांग

विक्रेता लगातार प्रशासन से नई जगह देने की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि बार-बार हटाए जाने के कारण उनकी रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है। प्रशासन से जल्द ही स्थायी समाधान की उम्मीद है।

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