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जालोर में एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट प्रस्तावित है, जिसके तहत जालोर-झालावाड़ ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक अनुमानित है। यह प्रोजेक्ट जालोर जिले की किस्मत बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, खासकर ग्रेनाइट उद्योग के लिए। विभागीय जानकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की फाइल फिलहाल वित्त विभाग के पास है, और वहां से स्वीकृति मिलने के बाद इसका काम शुरू हो सकेगा।
प्रोजेक्ट की स्थिति और डीपीआर का काम
इस प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने का काम 18 महीने में पूरा किया जाएगा। प्रोजेक्ट को जल्द धरातल पर लाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है, ताकि अगले दो साल में इसका काम शुरू हो सके।
कनेक्टिविटी से होगा फायदा
यह एक्सप्रेस वे जालोर और झालावाड़ को जोड़ते हुए, अमृतसर-जामनगर इकोनॉमी कोरिडोर और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से कनेक्ट होगा। इस रूट की लंबाई 402 किमी होगी, और इसकी अनुमानित लागत 10 हजार 300 करोड़ रुपये है।
अन्य प्रमुख प्रोजेक्ट्स
जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस वे के अलावा प्रदेश में 7 और ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेस वे पर काम चल रहा है, जिनकी डीपीआर तैयार की जा रही है। इनमें कोटपूतली-किशनगढ़, जयपुर-भीलवाड़ा, बीकानेर-कोटपूतली, ब्यावर-भरतपुर, अजमेर-बांसवाड़ा, जयपुर-फलौदी, और श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे शामिल हैं।
प्रस्तावित रूट कनेक्टिविटी और प्रोजेक्ट कोस्ट
- जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस वे: 402 किमी, लागत 10,300 करोड़
- कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस वे: 181 किमी, लागत 4,788 करोड़
- बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे: 295 किमी, लागत 6,301 करोड़
- जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस वे: 193 किमी, लागत 4,696 करोड़
- ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस वे: 342 किमी, लागत 8,339 करोड़
- अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस वे: 358 किमी, लागत 8,934 करोड़
- जयपुर-फलौदी एक्सप्रेस वे: 345 किमी, लागत 7,086 करोड़
- श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे: 290 किमी, लागत 7,015 करोड़
इन सभी प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य प्रदेश में बेहतर सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करना है, जिससे व्यापार, पर्यटन, और उद्योगों को लाभ होगा।