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मिलर्स ने सरकार से की बातचीत
कोरबा जिले में मिलर्स ने धान की मिलिंग को लेकर अपनी समस्याएं सरकार के सामने रखी हैं। उनके अनुसार, सबसे बड़ी समस्या पेनाल्टी की शर्तों और चावल जमा करने के नियमों से जुड़ी हुई है।
धान उठाव पर रोक
मिलर्स ने बताया कि पिछली वित्तीय वर्ष में उठाए गए धान के बदले चावल का पूरा भुगतान अब तक नहीं हुआ है, जबकि इसे दिसंबर तक पूरा किया जाना था। जब तक पुराना हिसाब-किताब साफ नहीं होगा, तब तक खरीदी केंद्रों से नया धान नहीं उठाया जाएगा।
पेनाल्टी शर्तों पर विवाद
मिलर्स संघ के पदाधिकारी ने बताया कि सरकार के गोदाम में नया चावल रखने की जगह की कमी है। ऐसे में सरकार पुराने चावल को जमा करने पर जोर दे रही है। मिलर्स का कहना है कि पेनाल्टी की शर्तें हटाई जाएं, अन्यथा वे कोई अनुबंध नहीं करेंगे।
अनुबंध को लेकर असहमति
मिलर्स ने मिलिंग के नियम-कायदों पर भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी, वे अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
दिसंबर तक बन सकती है सहमति
मिलर्स संघ के अनुसार, कानूनी प्रावधान के तहत पुराने वर्ष का चावल जमा किए बिना नए वित्तीय वर्ष में धान मिलिंग के लिए अनुमति नहीं मिलती। उम्मीद है कि दिसंबर तक हिसाब-किताब साफ कर अनुबंध पर सहमति बन जाएगी।
धान खरीदी की स्थिति
इस बीच, किसानों से समर्थन मूल्य पर लगभग 70 हजार क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। सबसे ज्यादा खरीद निरधी केंद्र पर हुई है, जहां पांच हजार क्विंटल धान लिया गया। इसके अलावा, कोरबी-पाली, करतला, और बरपाली जैसे केंद्रों पर भी हजार क्विंटल से अधिक धान खरीदा गया है।