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बाघ-बाघिन और बंदरों का आतंक, ग्रामीण परेशान

डिंडौरी में जंगली जानवरों का आतंक

डिंडौरी जिले के करंजिया वन परिक्षेत्र में पहले जंगली हाथियों ने काफी नुकसान किया, लेकिन अब वे छत्तीसगढ़ के जंगलों की ओर चले गए हैं। इसके बावजूद ग्रामीणों की परेशानियां खत्म नहीं हुई हैं। पिछले एक हफ्ते से बाघिन की उपस्थिति से लोग डरे हुए हैं। सुरक्षा के लिए ग्रामीण शाम होते ही घरों में दरवाजे बंद कर लेते हैं या पक्के मकानों की छतों पर सोने को मजबूर हैं।

वन विभाग कर रहा निगरानी

वन विभाग लगातार गश्त कर रहा है और ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए मुनादी कराई जा रही है। बाघिन को पकड़ने के लिए कान्हा पार्क से ट्रैप पिंजरा और विशेषज्ञों की टीम भी बुलाई गई थी, लेकिन अब तक बाघिन को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है। हालांकि बाघिन ने अब तक इंसानों पर हमला नहीं किया है, लेकिन वह कई मवेशियों को शिकार बना चुकी है।

बाघ और बाघिन का मूवमेंट जारी

क्षेत्र में बाघ और बाघिन दोनों ही मवेशियों का शिकार कर रहे हैं। हाल ही में बाघ ने कबीर चबूतरा इलाके में भैंस का शिकार किया। प्रशासन ने लोगों को सूर्यास्त के बाद घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।

बंदरों का उत्पात

मानिकपुर और आसपास के गांवों में बंदरों का झुंड किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। करीब 50 बंदरों का झुंड घूमकर खेती को बर्बाद कर रहा है, जिससे किसान खेती का काम नहीं कर पा रहे हैं।

ग्रामीणों को दी जा रही सलाह

पुलिस और प्रशासन के अधिकारी ग्रामीणों को समझाइश दे रहे हैं कि रात में घर से बाहर न निकलें, बच्चों का खास ख्याल रखें, मवेशियों को सुरक्षित बांधकर रखें, घर के आसपास रोशनी का इंतजाम करें और जंगलों की ओर न जाएं।

इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम, थाना प्रभारी नरेंद्र पाल और अन्य अधिकारी ग्रामीणों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।

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