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जयपुर।
श्रमिक कल्याण मंडल और श्रम विभाग में पिछले 10 सालों से संविदा पर काम कर रहे 218 कर्मचारी अब बेरोजगार हो गए हैं। इन कर्मचारियों ने गुरुवार को श्रम भवन पर धरना देकर अपनी नाराजगी जताई।
विभाग की उदासीनता का आरोप
कर्मचारियों का कहना है कि विभाग की लापरवाही के कारण समय पर उनके अनुबंध को नवीनीकृत नहीं किया गया। इस स्थिति के चलते कई जिलों में श्रम कार्यालय बंद होने की स्थिति में आ गए हैं। इसका सीधा असर श्रमिकों को मिलने वाली जन कल्याणकारी योजनाओं पर पड़ रहा है, और वे समय पर लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
धरना और ज्ञापन
पीड़ित कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, और डॉ. प्रेमचंद बैरवा को अपनी समस्या का ज्ञापन सौंपा है। गुरुवार को कर्मचारियों ने बीजेपी कार्यालय में प्रदेश महामंत्री मुकेश दाधीच से भी मुलाकात की। महामंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी।
कौशल प्रशिक्षण पर भी असर
श्रम विभाग की तरह राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) में भी कर्मचारियों की लापरवाही का असर युवाओं पर पड़ रहा है। कौशल केंद्रों पर प्रशिक्षण रुका हुआ है। अधिकारियों ने प्रशिक्षण के लिए संस्थाओं को अतिरिक्त लक्ष्य तो दिए, लेकिन अधीनस्थ कर्मचारियों ने प्रक्रिया में देरी कर दी, जिससे संस्थाओं के अनुबंध खत्म हो गए। इस गलती का खामियाजा प्रदेश के हजारों युवाओं को भुगतना पड़ रहा है।