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श्रीगंगानगर। इन दिनों तापमान में अचानक वृद्धि हो गई है, जिससे किसानों में फसलों को होने वाले नुकसान की चिंता बढ़ गई है। खासकर गेहूं, सरसों और चने की फसलों के लिए यह तापमान अनुकूल नहीं है। गेहूं के लिए आदर्श तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में दिन का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और रात का तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है।
अधिकारियों ने किसानों को फसलों को बचाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस समय जिले में आइजीएनपी, भाखड़ा और गंगनहर परियोजना क्षेत्र में 2024-25 में 2 लाख 18 हजार 556 हेक्टेयर में गेहूं की फसल उगाई गई है। गेहूं की फसल फिलहाल बीज भराव और बीज निर्माण की अवस्था में है। इस समय तापमान में वृद्धि फसल के लिए हानिकारक हो सकती है।
सरसों की फसल के लिए उपाय
- सरसों की फसल को पकाव के समय सूखे के प्रभाव से बचाने के लिए 1 किलो पोटेशियम नाइट्रेट को 100 लीटर पानी में घोलकर फसल की फूल और फली अवस्था पर छिड़काव करें।
चने की फसल के लिए उपाय
- चने की फसल को पकाव के समय सूखे के प्रभाव से बचाने के लिए 1 किलो पोटेशियम नाइट्रेट को 100 लीटर पानी में घोलकर फसल की फूल और फली अवस्था पर छिड़काव करें।
कृषि विभाग की सलाह
- सिंचाई: सिंचाई पानी की उपलब्धता के अनुसार करें।
- सिलिसिक अम्ल का छिड़काव: गेहूं की फसल में तापमान वृद्धि के प्रभाव से बचने के लिए बीज भराव और बीज निर्माण की अवस्था में सिलिसिक अम्ल का छिड़काव करें।
- एस्कार्बिक अम्ल का छिड़काव: गेहूं की बाली आते समय एस्कार्बिक अम्ल का छिड़काव करें ताकि फसल को नुकसान न हो।
- पोटेशियम नाइट्रेट का छिड़काव: गेहूं की फसल में बूटलीफ और एंथेसिस अवस्था पर पोटेशियम नाइट्रेट का छिड़काव करें।
- पछेती बोई फसल: गेहूं की पछेती बोई फसल में पोटेशियम नाइट्रेट, चिलेटेड जिंक और चिलेटेड मैंगनीज का स्प्रे भी लाभकारी होगा।
एक्सपर्ट व्यू
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“गेहूं में सिलिसिक अम्ल का छिड़काव करने से तापमान में वृद्धि के कारण होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है और उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।”
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— जगजीत सिंह, कृषि अनुसंधान अधिकारी, श्रीगंगानगर
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“किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सिफारिश के अनुसार तत्वों का छिड़काव करें ताकि फसल की इस अवस्था पर नुकसान न हो।”
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— डॉ. सतीष कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार), श्रीगंगानगर