शनिवार सुबह सड़क हादसे में घायल हुए युवक की रविवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। जब पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा, तो वे शव लेकर बंडा पहुंचे और दोपहर 3:30 बजे सागर-छतरपुर नेशनल हाईवे-86 पर चक्काजाम कर दिया।
परिजनों की मांग – आर्थिक मदद और नौकरी
मृतक के परिजन और स्थानीय लोग सड़क पर बैठकर हंगामा करने लगे। उनकी मांग थी कि परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए और किसी एक सदस्य को नौकरी मिले।
पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। आखिरकार, तहसीलदार महेंद्र चौहान और थाना प्रभारी उपमा सिंह ने परिवार को आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया। अंतिम संस्कार के लिए 5,000 रुपये की तत्काल सहायता दी गई, तब जाकर प्रदर्शन समाप्त हुआ।
कैसे हुआ हादसा?
बंडा के वार्ड नंबर-15 निवासी लोकेंद्र अहिरवार शनिवार सुबह पैदल जा रहे थे, तभी अस्पताल के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, फिर हालत बिगड़ने पर सागर रेफर कर दिया गया। परिजनों ने भाग्योदय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां रविवार सुबह 4 बजे उनकी मौत हो गई।
पहले पिता को खोया, अब इकलौता बेटा भी चला गया
लोकेंद्र अपने परिवार का इकलौता बेटा था। करीब एक महीने पहले कैंसर की बीमारी से उनके पिता की मौत हो गई थी। अब लोकेंद्र की मौत के बाद परिवार में सिर्फ उसकी मां और दो बहनें बचीं हैं। पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहा परिवार अब पूरी तरह असहाय हो गया है।
प्रशासन ने दिया मदद का आश्वासन
तहसीलदार महेंद्र चौहान ने कहा, “पीड़ित परिवार को नियमानुसार हर संभव मदद दी जाएगी।”