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भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को 2036 में ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी की इच्छा जताते हुए एक आशय पत्र सौंपा है। आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा है कि आईओए के अंदर चल रहे विवाद के बावजूद वह इन खेलों की मेजबानी के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आईओए में पीटी उषा और कार्यकारी परिषद के 12 सदस्यों के बीच आईओए सीईओ के रूप में रघुराम अय्यर की नियुक्ति को लेकर मतभेद है, लेकिन उषा ने आश्वासन दिया कि भारत की ओलंपिक मेजबानी की इच्छा दृढ़ है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आईओसी सत्र के दौरान 2036 ओलंपिक की मेजबानी का सपना पेश किया था। इसके बाद से आईओए ने आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक और अन्य अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा है।
उषा ने बताया कि पेरिस ओलंपिक के दौरान आईओसी के साथ भारत ने महत्वपूर्ण बातचीत की थी और भारत के अधिकारियों ने उस दौरान आयोजित कार्यकारी कार्यक्रमों में भाग लिया। इन अनुभवों के आधार पर ही भारत ने इस साल अक्तूबर की शुरुआत में ओलंपिक की मेजबानी के लिए आशय पत्र प्रस्तुत किया।
भारत लंबे समय से ओलंपिक की मेजबानी की इच्छा रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार इस बारे में अपनी राय जाहिर की है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) ने हाल ही में नए खेल मंत्री मनसुख मांडविया को ओलंपिक मेजबानी के लिए आवश्यक कदमों पर एक विस्तृत रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट में छह खेलों – योग, खो खो, कबड्डी, शतरंज, टी20 क्रिकेट, और स्क्वाश को ओलंपिक में शामिल करने की सिफारिश की गई है, यदि भारत को मेजबानी मिलती है।