रणथंभौर, राजस्थान:
रणथंभौर के कुण्डेरा रेंज में बाघ टी-86 की हत्या के मामले ने सनसनी फैला दी है। बाघ के शव पर मिले निशान और उसके मुंह पर पाया गया गन पाउडर (बारूद) बताता है कि उसे क्रूरता से मारा गया है। आशंका है कि पहले उसे बारूद से घायल किया गया और बेसुध होने पर उस पर धारदार हथियारों और लाठियों से हमला किया गया। इस हमले में उसकी रीढ़, कमर और पिछले पैरों की हड्डियां टूट गईं, और चेहरे पर भी गहरे कट के निशान पाए गए हैं। शव मिलने पर उसकी आंख कुचली हुई और चेहरे की हड्डियां टूटी मिलीं।
वन विभाग की चुप्पी
वन विभाग के अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि इंसानों ने बाघ पर हमला किया है, लेकिन वे पुष्टि करने से बच रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि एक या दो लोग बाघ को नहीं मार सकते, यह काम कई लोगों ने मिलकर किया होगा।
कैमरे से मिल सकता है सुराग
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में लगे थर्मल कैमरे जंगल में बाघ की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। वन विभाग यदि इन कैमरों का सही तरीके से विश्लेषण करे, तो दोषियों तक पहुंचा जा सकता है।
पहले भी गायब हुए थे बाघ
वर्ष 2013 में भी टी-17 नामक बाघिन इसी क्षेत्र से गायब हो गई थी। उस समय भी उसका आखिरी मूवमेंट खनन क्षेत्र में देखा गया था। उसके तीन बच्चे अनाथ हो गए थे, लेकिन उस समय कोई जांच कमेटी नहीं बनाई गई थी।