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मणिपुर: पुलिस थानों में आगजनी पर आठ गिरफ्तार, एनआईए की रडार पर अरम्बाई टेंगोल प्रमुख और कुकी उग्रवादी

नई दिल्ली
मणिपुर, जो कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता था, आज जातीय हिंसा से जूझ रहा है। पिछले साल मई में चुराचांदपुर से शुरू हुई हिंसा ने पूरे राज्य को प्रभावित किया है। कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष ने सैकड़ों लोगों की जान ली और हजारों को बेघर कर दिया।

आठ लोग गिरफ्तार
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस थानों और विधायकों के घरों पर हुए हमलों के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

  • 16 नवंबर: इंफाल पश्चिम जिले में एक निर्वाचित प्रतिनिधि की संपत्ति जलाने के मामले में 20 वर्षीय चोंगथम थोइचा को गिरफ्तार किया गया।
  • 27 नवंबर: काकचिंग पुलिस थाने पर हमले के आरोप में सात अन्य लोगों को पकड़ा गया।

हमलों की वजह
हमलावर चार लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे, जिन्हें 16 नवंबर को एक निर्वाचित सदस्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

एनआईए की जांच में बड़े नाम शामिल
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अरम्बाई टेंगोल संगठन के प्रमुख कोरोउ नगांबा खुमान और कुकी उग्रवादियों को अपनी जांच के दायरे में लिया है। एनआईए को चार बड़े मामलों की जांच की जिम्मेदारी दी गई है:

  1. हथियार और गोला-बारूद की लूट: इंफाल में मणिपुर राइफल्स बटालियन पर हमला।
  2. आईआरबी चौकी पर हमला: मोरेह में कुकी उग्रवादियों द्वारा किया गया सशस्त्र हमला।
  3. आईईडी विस्फोट: बिष्णुपुर जिले में बम विस्फोट, जिसमें तीन लोग घायल हुए।
  4. सुरक्षा बलों पर हमले: हिंसा और मुठभेड़ों से जुड़े अन्य मामले।

खुमान के नेतृत्व में हमले
एनआईए के अनुसार, कोरोउ नगांबा खुमान ने फेसबुक पर लोगों को हिंसा के लिए उकसाया और बड़ी संख्या में लोग काले कपड़े पहनकर हथियारों के साथ जुट गए। उन्होंने मणिपुर राइफल्स बटालियन पर हमला कर हथियार और गोला-बारूद लूट लिया।

आईआरबी चौकी पर हमला
17 जनवरी 2024 को कुकी उग्रवादियों ने मोरेह की एक आईआरबी चौकी पर हमला किया। इस हमले में एक राइफलमैन शहीद हो गया और दो अन्य घायल हुए।

जातीय हिंसा का असर
मई 2023 से शुरू हुई हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों बेघर हो चुके हैं। इंफाल घाटी में मैतेई और पहाड़ी इलाकों में कुकी-जो समुदायों के बीच संघर्ष जारी है।

सरकार की पहल
एनआईए को सभी मामलों की जांच सौंपी गई है। सरकार का कहना है कि ये अपराध राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सख्त कार्रवाई जरूरी है।

यह हिंसा मणिपुर के सामाजिक ताने-बाने को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। अब सभी की नजरें एनआईए की जांच पर

 

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