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राजस्थान। राज्य की 23 हजार खानों से जुड़ी समस्या का समाधान अब जल्दी होने वाला है। केन्द्र सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाए हैं। राजस्थान की इन खानों का पर्यावरणीय मंजूरी का नवीनीकरण नहीं हो पाया था, जिससे इन पर संकट मंडरा रहा था। अब केन्द्र सरकार ने इन खानों की पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राज्य में प्राधिकरण और समितियों का गठन किया है।
तीन सदस्यीय प्राधिकरण का गठन
राजस्थान के जयपुर निवासी मुनीश कुमार गर्ग की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्राधिकरण का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण में पर्यावरण सचिव भी शामिल होंगे। यह प्राधिकरण चार अलग-अलग समितियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर अपनी सिफारिशें देगा।
चार समितियों का क्षेत्राधिकार
- पहली समिति का क्षेत्राधिकार – कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, धौलपुर, भरतपुर, और सवाईमाधोपुर जिले।
- दूसरी समिति का क्षेत्राधिकार – दौसा, अलवर, जयपुर, टोंक, झुंझुनूं, सीकर, अजमेर, और नागौर जिले।
- तीसरी समिति का क्षेत्राधिकार – जोधपुर, सिरोही, पाली, बाड़मेर, जालौर, बीकानेर, जैसलमेर, श्री गंगानगर, चूरू, और हनुमानगढ़ जिले।
- चौथी समिति का क्षेत्राधिकार – उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, और भीलवाड़ा जिले।
इस कदम से 23 हजार खानों के लिए राहत की उम्मीद है और उनकी पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया में तेजी आएगी।