रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कर्मचारी आवासों के मरम्मत और रंगरोगन का कार्य किया गया था, जिसके लिए 6 करोड़ रुपए का भुगतान ठेकेदार को किया गया। यह कार्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से कराया गया था। अब इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग ने जांच के लिए एक समिति गठित की है, जो बुधवार को विश्वविद्यालय पहुंची।
जांच में उठे कई आरोप
समिति को शिकायत मिली है कि मरम्मत के काम में खानापूरी की गई। इसके अलावा, कुछ अन्य गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। शिकायत में कहा गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ अपात्र कर्मचारियों को वाहनों की सुविधा दी, जबकि उनके पास वाहन लेने की पात्रता नहीं थी। इससे विवि को हर महीने लाखों रुपए का खर्च हो रहा है।
अन्य शिकायतें
जांच में यह भी आरोप लगे हैं कि लेखा विभाग ने बिना वित्तीय स्वीकृति के राशि मंजूर की और उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद में नियमों का उल्लंघन किया। इसके अलावा, लेखा विभाग में अपराधिक प्रवृत्ति के कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई।
जांच टीम ने तलब किए दस्तावेज
उच्च शिक्षा विभाग ने एडी रीवा डॉ. आरपी सिंह के नेतृत्व में जांच समिति बनाई थी। इस समिति ने बुधवार को विश्वविद्यालय पहुंचकर कुलगुरु प्रो. राजेश वर्मा से शिकायतों पर चर्चा की और ऑडिट से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज मांगे।
आरोपों की सूची
- प्रशासकीय कार्यों में बिना अनुबंध के भुगतान करना
- कर्मचारी आवासों के मरम्मत कार्य में अनियमितता
- वाहन टेंडर प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन
- अंकेक्षण में आपत्ति का समाधान नहीं करना
- उत्तर पुस्तिकाओं की प्रिंटिंग आदेश की जांच