राजस्थान में बजरी खनन के लिए 8 लीज होल्डरों ने अपनी लीज को समय से पहले सरेंडर कर दिया है। इससे 6 जिलों में बजरी के लिए समस्या हो सकती है। इन लीज धारकों ने पिछले दिनों विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें वह अपनी लीज को सरेंडर करने का कारण बताया है। उन्हें विभाग की अनावश्यक कार्रवाई के लिए परेशानी हो रही है। इनमें से कुछ लोगों की लीज अवधि साल 2027 में समाप्त होने वाली है। कुछ लोगों ने कहा है कि विभाग की ओर से अनावश्यक पेनल्टी और अवैध खनन पर कार्रवाई के चलते उन्हें परेशानी हो रही है। इसके बावजूद कि वे वैध तरीके से बजरी खनन कर रहे हैं, उन्हें अधिकतम 3 स्टॉक यार्ड पर निर्धारित मात्रा में टन के हिसाब से बजरी का स्टॉक रखना होता है। इसके बावजूद भी, विभाग उन्हें 10 गुना तक पेनल्टी लगा रहा है। जिलों में सरेंडर किया गया है जिन लोगों ने अपनी लीज को सरेंडर किया है, वे 6 जिलों में समाहित हैं। इनमें से कुछ जिले अजमेर, चित्तौड़गढ़, दौसा, परबतसर, बाड़मेर और जोधपुर हैं। इनकी लीज अवधि साल 2027 में समाप्त होगी। आर्थिक समस्या की चिंता लीज धारकों ने अपनी लीज को सरेंडर करने से पहले विभाग से कोई सहायता नहीं पाई है। इसके बावजूद, वे पेनल्टी और कार्रवाई के चलते आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। इस पर वैध खनन धारक समिति ने आपत्ति जताई है।
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