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ग्वालियर नगर निगम ने साल 2025-26 के लिए 2513 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस बजट में जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया गया है। हालाँकि, इसमें कोई नई योजना नहीं जोड़ी गई है, बल्कि पहले से घोषित योजनाओं को ही शामिल किया गया है। इस बार शहरवासियों के लिए डस्ट फ्री सड़कें, पिंक टॉयलेट, सफाई व्यवस्था और सीवरेज नेटवर्क को प्राथमिकता दी गई है।
बजट की मुख्य बातें
- डस्ट फ्री सड़कें: 5 किलोमीटर तक फुटपाथ और 10 किलोमीटर तक सड़कें डस्ट फ्री बनाई जाएंगी।
- पिंक टॉयलेट: महिलाओं के लिए 10 पिंक टॉयलेट और शहरभर में 48 सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे।
- सड़क निर्माण: 40 किमी डामरीकरण और 25 किमी सीसी सड़कें बनाई जाएंगी।
- सीवरेज प्लांट: 156 किमी सीवरेज नेटवर्क और 14 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।
- पेयजल योजना: चंबल नदी और कोतवार डैम से शहर में पानी लाने के लिए 917 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- सफाई व्यवस्था:
- कचरे से बायो सीएनजी प्लांट के लिए 88.82 करोड़ रुपये।
- 4 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 108.54 करोड़ रुपये।
- नए ट्रांसफर स्टेशन बनाने के लिए 16.30 करोड़ रुपये।
- रोशनी व्यवस्था:
- 2047 एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी।
- प्रमुख स्थानों पर फसाड लाइटिंग पर 1.23 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- चिड़ियाघर का विकास: गांधी प्राणी उद्यान में 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे और नया पक्षीघर व सर्पघर बनाया जाएगा।
- पार्कों का सौंदर्यीकरण: गांधी पार्क, अंबेडकर पार्क और अन्य बड़े पार्कों में ओपन जिम, खेल उपकरण और बेंच लगाई जाएंगी।
बजट पर नेताओं की राय
- महापौर डॉ. शोभा सिकरवार: “यह बजट जनता के लिए सबसे अच्छा है। किसी भी नागरिक पर आर्थिक बोझ नहीं डाला गया।”
- नेता प्रतिपक्ष हरिपाल: “यह बजट सिर्फ झूठ का पुलिंदा है, इसमें कोई ठोस योजना नहीं है।”
- पार्षद ब्रजेश श्रीवास: “बजट में सिर्फ पुरानी बातें दोहराई गई हैं, नया कुछ नहीं जोड़ा गया।”
ग्वालियर का यह बजट शहर के विकास को लेकर कई बड़े वादे करता है, लेकिन अब देखना होगा कि ये योजनाएं हकीकत में कब तक पूरी होती हैं।