राजस्थान में भील और भील मीना समाज ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण पर दिए गए निर्णय का समर्थन किया है और अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण में वर्गीकरण की मांग की है। आदिवासी विकास परिषद ने डूंगरपुर कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, और जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के मंत्री को ज्ञापन सौंपा है।
परिषद के अध्यक्ष रूपलाल डामोर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण के कोटे में उपवर्गीकरण को जायज ठहराया है, जिससे हाशिए पर रह चुके पिछड़े समुदायों को न्याय मिल सके। ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्वी और उत्तरी राजस्थान में रहने वाली मीना जनजाति आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्ध है, जबकि दक्षिणी राजस्थान के भील और भील मीना समुदाय अभी भी पिछड़े हैं और सरकारी सेवाओं में आरक्षण का लाभ नहीं उठा पाए हैं।
परिषद ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार, जनजाति उपयोजना क्षेत्र के भील और भील मीना समुदाय के लिए जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का कोटा तय किया जाए, ताकि इन समुदायों को भी आरक्षण का उचित लाभ मिल सके।