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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मैक्सिको की कंपनियों से आग्रह किया है कि वे स्टार्टअप और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग की संभावनाएं तलाशें और भारत की व्यापार अनुकूल नीतियों का लाभ उठाएं। ग्वाडलजारा (मैक्सिको) के चैंबर ऑफ कॉमर्स में ‘टेक लीडर्स राउंडटेबल’ के दौरान अपने भाषण में सीतारमण ने समान अर्थव्यवस्थाओं के लिए अवसरों और जिम्मेदारियों पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि मैक्सिको निकटवर्ती देशों के साथ सहयोग करके समृद्ध हो रहा है, जिससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच सहयोग, प्रतिभाओं का आदान-प्रदान, और जोखिम कम करने के लिए संयुक्त प्रयास संभव हो पाए हैं। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाने के लक्ष्य की दिशा में हो रहे बदलावों पर प्रकाश डाला।
सीतारमण ने भारत और मैक्सिको के बीच वृद्धि और सहयोग के नए क्षेत्रों का जिक्र करते हुए उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) की स्थापना के बारे में बजट घोषणा की जानकारी दी। उन्होंने स्वास्थ्य, स्वास्थ्य सेवा में कृत्रिम मेधा (एआई), कृषि, और टिकाऊ शहरों के क्षेत्रों में हाल ही में पहचाने गए सीओई के बारे में भी बताया।
सीतारमण ने कहा कि भारत और मैक्सिको स्टार्टअप और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग के जरिए इन क्षेत्रों में काम करने की संभावनाएं तलाश सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए चुनौतियां केवल वृद्धि तक सीमित नहीं हैं; बल्कि, अंतर को पाटना और सभी के लिए अवसर उत्पन्न करना भी जरूरी है। इसके लिए जिम्मेदार पूंजीवाद की आवश्यकता है।
ग्वाडलजारा स्थित टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के मुख्यालय की यात्रा के दौरान सीतारमण ने उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी, जो हाल ही में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गए थे। वह 20 अक्टूबर तक अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान मैक्सिको के वित्त मंत्री रोजेलियो रामिरेज़ डे ला ओ के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी और मैक्सिको की संसद के सदस्यों के साथ संसदीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा करेंगी।