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जयपुर। राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने हार के कारणों की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए चुनाव में नियुक्त पर्यवेक्षकों और प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी, जिसे बाद में दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने चुनाव से पहले हर विधानसभा क्षेत्र में पर्यवेक्षक और प्रभारियों की नियुक्ति की थी और उन्हें प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी थी। अब इनसे रिपोर्ट ली जाएगी कि कहां कमी रह गई।
प्रचार में बताया जीत का भरोसा, लेकिन नतीजे रहे उलट
चुनाव प्रचार के दौरान अधिकतर नेताओं ने पार्टी की स्थिति को मजबूत बताया था, लेकिन नतीजे इसके विपरीत आए। अब यह पता लगाया जा रहा है कि ऐसी कौन-सी गलतियां हुईं, जिनकी वजह से पार्टी को हार झेलनी पड़ी। रामगढ़ विधानसभा सीट पर पार्टी को जीत का पूरा भरोसा था, लेकिन यहां भी बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
कमजोर मानी गई सीट पर मिली जीत
कांग्रेस के नेताओं में चर्चा थी कि दौसा सीट पर सबसे कमजोर उम्मीदवार उतारा गया है और यहां जीत मुश्किल है। यहां तक कि मैच फिक्सिंग तक की बातें कही गईं। लेकिन कांग्रेस को सिर्फ दौसा सीट पर ही जीत मिली। बाकी सात में से छह सीटों पर हार हुई, जिनमें से चार सीटों पर तो पार्टी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। देवली-उनियारा सीट, जिसे कांग्रेस ने 2023 में जीता था, इस बार पार्टी हार गई।
अब कांग्रेस हार के कारणों की गहराई से पड़ताल कर रही है।