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वर्ल्ड एड्स डे 2024: हर साल 1 दिसम्बर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य एचआईवी और एड्स जैसी गंभीर बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाना और बचाव के उपायों के बारे में लोगों को जानकारी देना है।
एड्स क्या है?
एड्स एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती है। इस बीमारी का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है। एड्स के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। इस बीमारी के बारे में अक्सर लोग खुलकर बात नहीं कर पाते, जिससे उनका इलाज समय पर नहीं हो पाता। इसी कारण हर साल 1 दिसम्बर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है।
वर्ल्ड एड्स डे का इतिहास
वर्ल्ड एड्स डे पहली बार 1 दिसम्बर 1988 को मनाया गया था। इसका उद्देश्य एचआईवी और एड्स के मामलों में हो रही वृद्धि के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इसके जरिए एचआईवी संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी दी जाती है। इस दिन एनजीओ और समुदाय द्वारा एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2022 में लगभग 3.6 करोड़ लोग एचआईवी से संक्रमित थे।
2024 वर्ल्ड एड्स डे की थीम
इस साल की थीम है “Take the rights path: My health, my right”। इसका मतलब है कि हमें अपने स्वास्थ्य और अधिकारों के लिए सही विकल्प चुनने की जरूरत है। इसलिए, अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
वर्ल्ड एड्स डे का महत्व
वर्ल्ड एड्स डे का सबसे बड़ा उद्देश्य एड्स के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस दिन स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोग, जैसे डॉक्टर और नर्स, सक्रिय रूप से जागरूकता अभियान चलाते हैं। यह दिन एड्स से प्रभावित लोगों का हौसला बढ़ाने के साथ-साथ, इस बीमारी से जुड़ी मिथकों को सही करने और बचाव के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने का एक अवसर प्रदान करता है।